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ज़बूर Psalms 24

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1ज़मीन और उसकी मा'मुरी ख़ुदावन्द ही की है,

जहान और उसके बाशिन्दे भी।

2क्यूँकि उसने समन्दरों पर उसकी बुनियाद रख्खी

और सैलाबों पर उसे क़ाईम किया।

3ख़ुदावन्द के पहाड़ पर कौन चढ़ेगा?

और उसके पाक मक़ाम पर कौन खड़ा होगा?

4वही जिसके हाथ साफ़ हैं और जिसका दिल पाक है,

जिसने बकवास पर दिल नहीं लगाया,

और मक्र से क़सम नहीं खाई।

5वह ख़ुदावन्द की तरफ़ से बरकत पाएगा,

हाँ अपने नजात देने वाले ख़ुदा की तरफ़ से सदाक़त।

6यही उसके तालिबों की नसल है,

यही तेरे दीदार के तलबगार हैं या'नी या'क़ूब। सिलाह

7ऐ फाटको, अपने सिर बुलन्द करो।

ऐ अबदी दरवाज़ो, ऊँचे हो जाओ!

और जलाल का बादशाह दाख़िल होगा।

8यह जलाल का बादशाह कौन है?

ख़ुदावन्द जो क़वी और क़ादिर है,

ख़ुदावन्द जो जंग में ताक़तवर है!

9ऐ फाटको, अपने सिर बुलन्द करो!

ऐ अबदी दरवाज़ो, उनको बुलन्द करो!

और जलाल का बादशाह दाख़िल होगा।

10यह जलाल का बादशाह कौन है?

लश्करों का ख़ुदावन्द, वही जलाल का बादशाह है। सिलाह।